आरटीएस अधिनियम
महाराष्ट्र सेवा अधिकार अधिनियम
सरकार के विभिन्न विभागों और सार्वजनिक प्राधिकरणों द्वारा नागरिकों को पारदर्शी, त्वरित और समयबद्ध तरीके से अधिसूचित सेवाएँ उपलब्ध कराने को सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र लोकसेवा अधिकार अधिनियम, 2015 अधिनियमित किया गया है और 28.04.2015 से प्रभावी है। इसका उद्देश्य नागरिकों को आसान, शीघ्र और निर्धारित समय-सीमा में सेवाएँ प्रदान करना है।
सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सार्वजनिक सेवाओं की निगरानी, समन्वय, नियंत्रण तथा सुधार के लिए उपर्युक्त अधिनियम के अंतर्गत महाराष्ट्र राज्य लोकसेवा अधिकार आयोग का गठन किया गया है। आयोग में एक मुख्य आयुक्त तथा छह आयुक्त होते हैं। आयोग का मुख्यालय नई प्रशासकीय इमारत, मंत्रालय के समक्ष, मुंबई में स्थित है तथा आयुक्तों के प्रभागीय कार्यालय छह प्रभागीय मुख्यालयों में हैं।
यदि किसी पात्र व्यक्ति को निर्धारित समय-सीमा में अधिसूचित सेवा प्रदान नहीं की जाती है या बिना उचित कारण उसे अस्वीकार कर दिया जाता है, तो संबंधित व्यक्ति उच्च अधिकारी के समक्ष प्रथम एवं द्वितीय अपील कर सकता है और यदि उनके निर्णय से संतुष्ट न हो तो वह आयोग के समक्ष तृतीय अपील कर सकता है। दोषी अधिकारी पर प्रति प्रकरण अधिकतम ₹5000/- तक के दंड का प्रावधान है।
महाराष्ट्र राज्य सेवा अधिकार आयोग की वेबसाइट: https://aaplesarkar.mahaonline.gov.in
शिकायत निवारण प्लेटफ़ॉर्म पोर्टल की वेबसाइट: https://grievances.maharashtra.gov.in/mr
आरटीएस नियम राजपत्र
आरटीएस अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं की सूची
महाराष्ट्र सेवा अधिकार दिवस शपथ ग्रहण समारोह